आदर्श जीवन की विलक्षण दास्तान श्री रामनिवास लखोटिया
श्री रामनिवास लखोटिया - ललित गर्ग आधारस्तंभ थे। उनकी भारत में लॉयनिज्म जन्म लेना नियति है किंतु कैसा जीवन को आगे बढ़ाने के लिए अविस्मरणीय एवं जीना यह हमारे पुरुषार्थ के अधीन है। खदान अनुकरणीय सेवाएं रही हैं। वे इस क्लब के से निकले पाषाण के समान जीवन को पुरुषार्थ माध्यम से सेवा, परोपकार के अनेक के द्वारा तरास कर प्रतिमा का रूप दिया जा जनकल्याणकारी उपक्रम करते रहते थे। हाल सकता है। राजस्थान के गौरव एवं दिल्ली की ही में उन्होंने अपने पुत्र टैक्स गुरु श्री सुभाष सांसों में बसे श्री रामनिवास लखोटिया भी लखोटिया की स्मृति में सेवा की गतिविधियों ही एक ऐसे ही जीवन की दास्तान है जिन्होंने को प्रोत्साहन देने के लिये प्रतिवर्ष एक लाख अपने जीवन को बिन्दु से सिन्धु बनाया था। रूपये का 'सुभाष लखोटिया सेवा पुरस्कार' उनके जीवन की दास्तान को पढ़ते हुए जीवन देना प्रारंभ किया। वे क्लब के विकास में न के बारे में एक नई सोच पैदा होती है। जीवन केवल सहभागी बने बल्कि उसे बीज से सभी जीते हैं पर सार्थक जीवन जीने की है, आदर्श स्थापित किया जा सकता है। और बरगद बनाया। उन्होंने अजमेर में विक्टोरिया कला बहुत कम व्यक्ति जान पाते हैं। वे आदर्श उन आदर्शों के माध्यम से पारिवारिक, अस्पताल के समीप मोहनलाल गंगादेवी जीवन की दास्तान थे। नशामुक्ति समाज एवं सामाजिक, राष्ट्रीय और वैयक्तिक जीवन की लखोटिया धर्मशाला का निर्माण करके शाकाहार क्रांति के पुरोधा, समाज सुधारक अनेक सार्थक दिशाएँ उद्घाटित हो सकती समाजोपयोगी एवं प्रेरणादायी कार्य किया। एवं आदर्श समाज के निर्माता के रूप में ही हैं। इन स्थितियों की पृष्ठभूमि में उन्होंने वे पुष्कर के विकास के लिये भी तत्पर रहते नहीं बल्कि प्रख्यात आयकर सलाहकार के व्यापक संदों में जीवन के सार्थक आयामों थे। उन्होंने पद-प्रतिष्ठा पाने की न कभी चाह रूप में उनकी सेवाएं एवं प्रयत्न अविस्मरणीय को प्रकट किया है। वे एक पुरुषार्थी, की और न कभी चरित्र को हासिये में डाला। । उन्होंने 88 वर्ष की उम्र में दिल्ली में दिनांक परोपकारी, साधक, समाजकर्मी एवं चिंतक श्री लखोटिया अनेक पुरस्कारों से 20 जनवरी 2020 की मध्यरात्रि में इस दुनिया व्यक्तित्व का जाना-पहचाना नाम है। सम्मानित हुए है। हर व्यक्ति को लखपति को अलविदा कह दिया। उनके प्रशंसकों श्री लखोटिया के जीवन के दिशाएं और करोड़पति बनाने के लिये उनके द्वारा एवं चहेतों के लिए यह विश्वास करना सहज विविध हैं। आपके जीवन की धारा एक दिशा लिखी गयी पुस्तकें काफी लोकप्रिय हुई है। नहीं है कि वे अब इस दुनिया में नहीं रहे। में प्रवाहित नहीं हुई है, बल्कि जीवन की वे समृद्धि की ही बात नहीं करते बल्कि हर उनका मन अंतिम क्षण तक युवा-सा विविध दिशाओं का स्पर्श किया है। आपने इंसान को नैतिक एवं ईमानदार बनने को भी तरोताजा, सक्रिय, आशावादी और पुरुषार्थी कभी स्वयं में कार्यक्षमता का अभाव नहीं प्रेरित करते। देश के दर्जनों अखबारों में उनके बना रहा। देखा। क्यों, कैसे, कब, कहां जैसे प्रश्न कभी न केवल टैक्स सलाह एवं निवेश से संबंधित श्री रामनिवास लखोटिया भारत के सामने आए ही नहीं। हर प्रयत्न परिणाम बन बल्कि जीवन निर्माण एवं आध्यात्मिक मूल्यों श्री रामनिवास लखोटिया भारत के सामने आए ही नहीं। हर प्रयत्न परिणाम बन बल्कि जीवन निर्माण एवं आध्यात्मिक मूल्यों सुप्रसिद्ध आयकर सलाहकार थे एवं उनकी जाता कार्य की पूर्णता का। यही कारण है से प्रेरित लेख-साक्षात्कार प्रकाशित होते रहते आयकर से संबंधित पुस्तकों के लगभग 600 कि राजधानी दिल्ली की अनेक सामाजिक, थे। लखोटियाजी सतरंगी रेखाओं की सादी संस्करण प्रकाशित हुए। वे 'आयकरदाता सांस्कृतिक, साहित्यिक और जनकल्याणकारी तस्वीर थे। गहन मानवीय चेतना के चितेरे संघ' के अध्यक्ष भी रहे। आपने शिक्षा के संस्थाएं हैं जिससे वे सक्रिय रूप से जुड़े थे, थे। उनका हंसता हुआ चेहरा रह-रहकर याद क्षेत्र में उच्च स्थान प्राप्त किया है। आप गोल्ड वे अपने आप में एक व्यक्ति नहीं, एक संस्था आ रहा है। लखोटियाजी की अनेकानेक मेडेलिस्ट हैं। आप इनकम टैक्स ऑफिसर थे। वे राजस्थान अकादमी, इनवेस्टर क्लब, विशेषताओं में एक प्रमुख विशेषता यह थी परीक्षा में संपूर्ण भारत में प्रथम आए थे। अखिल भारतीय वैश्य संघ, लायंस क्लब कि वे सदा हंसमुख रहते थे। वे अक्सर आपने इनकम टैक्स ऑफिसर प्रथम श्रेणी नईदिल्ली अलकनंदा, मारवाड़ी युवा मंच, मिलने वालों से पूछा करते थे कि किस रूप रूप में 6 वर्षों तक कार्य किया है। आप राजस्थान रत्नाकर और ऐसी अनेक संस्थाओं में याद रखे जाने की आपकी आकांक्षा है? सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट रहे एवं दिल्ली में को उन्होंने पल्लवित और पोषित किया। अपनी आकांक्षा को, अपने सपने को, एक सलाहकार के रूप में कार्य किया। आपने अजमेर में जन्में श्री लखोटिया पृष्ठ पर शब्दबद्ध कीजिए। यह मानव इतिहास देश एवं विदेश की सभाओं में आयकर विषय राजस्थान की संस्कृति एवं राजस्थानी भाषा का एक बहुत महत्वपूर्ण पृष्ठ हो सकता है। 5500 से अधिक ओजस्वी भाषणों से के विकास के लिये निरन्तर प्रयत्नशील थे। राष्ट्र के इतिहास में एक नया पृष्ठ जोड़ने के लाखों करदाताओं को लाभान्वित किया है। दिल्ली में राजस्थानी अकेडमी के माध्यम से लिए आपको याद रखा जाएगा। भले वह आपने बीबीसी लंदन, हांगकांग रेडियो, वे राजस्थानी लोगों को संगठित करने एवं पृष्ठ समाजसेवा का हो, लायनिज्म का हो, आकाशवाणी एवं दूरदर्शन पर भेंट वार्ताएं उनमें अपनी संस्कृति के लिये जागरूकता ज्ञान-विज्ञान का हो, परिवर्तन का हो, खोज प्रस्तुत की हैं। आपका प्रारंभिक जीवन दयानंद लाने के लिये अनेक उपक्रम संचालित करते का हो या फिर अन्याय के विरुद्ध संघर्ष कॉलेज तथा गवर्नमेंट कॉलेज, अजमेर के रहे हैं। न केवल राजधानी दिल्ली बल्कि देश- का-, सामाजिक या राजनीतिक, सभी वाणिज्य विभाग के प्रोफेसर के रूप में शुरु विदेश में राजस्थान की समृद्ध कला, संस्कृति व्यवस्थाओं को नौंव इंसान की भलाई पर हुआ। दिल्ली की वेजिटेरियन कांग्रेस के व परंपरा पहुंचाने के लिये प्रयासरत थे। पड़ी है। कोई भी देश सिर्फ ऊंची ईमारतों प्रेसिडेंट होने के नाते वे अच्छी सेहत व बीते 40 वर्ष से अकेडमी द्वारा लगातार दिल्ली एवं भौतिक उपलब्धियों से महान नहीं होता, खुशहाली के लिए शाकाहार के प्रचार में में सांस्कृतिक कार्यक्रमों, विभिन्न बल्कि इसलिए होता है कि उसके नागरिक जुटे रहे। वे एक्सीलेंट लिविंग' नाम मासिक प्रतियोगिताओं,कवयित्री सम्मेलन,मरु उत्सव, भले और महान हैं। भले लखोटियाजी उम्रदराज मुख्य संपादक हैं। राजस्थानी लेखकों को सम्मानित करने के इंसान थे, लेकिन वे अपनी बच्चों जैसी निश्छल श्री रामनिवास लखोटिया जी आयोजन उनके नेतृत्व में होते रहे हैं। वे मुस्कुराहट के कारण सहज ही याद आते हैं बिजनेस, टीवी चैनल पर हर रविवार प्रसारित राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता और आते रहेंगे। उनका व्यक्तित्व समंदर की होने वाले इनकम टैक्स संबंधी कार्यक्रम में दिलवाने के लिए पिछले कई वर्षों से प्रयासरत ही तरह अथाह, गहरा, विशाल और सीमाहीन टैक्स डॉक्टर' के रूप में इनकम टैक्स से थे। महिलाओं के लिए यह संस्था विशेष है। किसी व्यक्ति की अपने जीवन में इतनी जुड़े सवालों के जवाब देते थे। सुभाष कार्यक्रमों का आयोजन करती है और विशेष व्यापक दृष्टि हो सकती है, यह अकल्पनीय लखोटिय-आर, एन. लखोटिया एडं कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित भी बात उनके जीवन में दिखाई पड़ती है। एसोसिएट्स एल.एल.पी के डायरेक्टर थे। करती है। संस्था का उद्देश्य देश-विदेश में रह लखोटियाजी में विविधता थी और जीरो टू हीरो इन डायरेक्ट टैक्सस' नामक रहे लोगों को एक साथ एक मंच पर लाना यही उनकी विशेषता थी। उन्हें प्राय: हर प्रदेश लोकप्रिय कोर्स का आयोजन भी करते रहे और आपसी भाई-चारे का मजबूत करना भी के और हर भाषा के लोग जानते थे। उनकी 1970 में अमेरिका के शहर अटलांटिक है। संस्था राजस्थान से जुड़ी हर परम्परा और अनेक छवि, अनेक रूप, अनेक रंग उभर होने वाली वर्ल्ड यूथ कांग्रेस में भारत का उन क्षेत्रों से जुड़े कलाकार, विशेषज्ञ तथा बेहतर कर सामने आते हैं। ये झलकियां बहुत काम प्रतिनिधित्व करने के लिए लायंस इंटरनेशनल कार्य करने वालों को सहयोग कर आगे बढ़ावा की हैं। क्योंकि इससे सेवा का संसार समृद्ध उन्हें बेस्ट यूथ ऑफ इंडिया' के तौर पर देती है। उनके द्वारा प्रतिवर्ष राजस्थानी भाषा होता है। लखोटियाजी का जितना विशाल श्री रामनिवास लखोटिया जी आयोजन उनके नेतृत्व में होते रहे हैं। वे मुस्कुराहट के कारण सहज ही याद आते हैं बिजनेस, टीवी चैनल पर हर रविवार प्रसारित राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता और आते रहेंगे। उनका व्यक्तित्व समंदर की वाले इनकम टैक्स संबंधी कार्यक्रम में दिलवाने के लिए पिछले कई वर्षों से प्रयासरत ही तरह अथाह, गहरा, विशाल और सीमाहीन टैक्स डॉक्टर' के रूप में इनकम टैक्स से थे। महिलाओं के लिए यह संस्था विशेष है। किसी व्यक्ति की अपने जीवन में इतनी जुड़े सवालों के जवाब देते थे। सुभाष कार्यक्रमों का आयोजन करती है और विशेष व्यापक दृष्टि हो सकती है, यह अकल्पनीय लखोटिय-आर, एन. लखोटिया एडं कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित भी बात उनके जीवन में दिखाई पड़ती है। एसोसिएट्स एल.एल.पी के डायरेक्टर थे। करती है। संस्था का उद्देश्य देश-विदेश में रह लखोटियाजी में विविधता थी और जीरो टू हीरो इन डायरेक्ट टैक्सस' नामक रहे लोगों को एक साथ एक मंच पर लाना यही उनकी विशेषता थी। उन्हें प्राय: हर प्रदेश लोकप्रिय कोर्स का आयोजन भी करते रहे और आपसी भाई-चारे का मजबूत करना भी के और हर भाषा के लोग जानते थे। उनकी 1970 में अमेरिका के शहर अटलांटिक है। संस्था राजस्थान से जुड़ी हर परम्परा और अनेक छवि, अनेक रूप, अनेक रंग उभर होने वाली वर्ल्ड यूथ कांग्रेस में भारत का उन क्षेत्रों से जुड़े कलाकार, विशेषज्ञ तथा बेहतर कर सामने आते हैं। ये झलकियां बहुत काम प्रतिनिधित्व करने के लिए लायंस इंटरनेशनल कार्य करने वालों को सहयोग कर आगे बढ़ावा की हैं। क्योंकि इससे सेवा का संसार समृद्ध उन्हें बेस्ट यूथ ऑफ इंडिया' के तौर पर देती है। उनके द्वारा प्रतिवर्ष राजस्थानी भाषा होता है। लखोटियाजी का जितना विशाल । वह इन्वेस्टर क्लब के महासचिव तथा के सर्वश्रेष्ठ लेखक को 1 लाख रुपए का और व्यापक संपर्क है और जितने अधिक स्प्रिचुअल क्लब्स इंटरनेशनल और यूनिट टू प्रतिष्ठित 'लखोटिया पुरस्कार' प्रदान किया लोग उन्हें करीब से जानने वाले हैं, अपने इन्वेस्ट के प्रेसिडेंट थे। जाता हैं जिसे केंद्र सरकार द्वारा एक राष्ट्रीय देश में भी और विदेशों में भी, उस दृष्टि से लखोटियाजी एक रचनात्मक, पुरस्कार घोषित किया गया है। कुछ शब्दों से उनके बारे में बहुत नहीं जाना सृजनात्मक एवं नैतिक जीवन का उदाहरण श्री रामनिवास लखोटिया को सम्पूर्ण जा सकता, और भी आयाम और अनेक जिसकी प्रेरणा है कि किस तरह से जीवन लॉयनिज्म को समर्पित रहा है। आप रोचक प्रसंग उजागर हो सकते हैं। यह काम आधुनिक भौतिकवादी एवं सुविधावादी युग लायंस क्लब इंटरनेशनल के पूर्व डिस्ट्रिक कठिन अवश्य है, असंभव नहीं। इस पर संकुचित दृष्टिकोण वाले समाज में जमीन गवर्नर भी रहे हैं। आप लायंस क्लब नई भविष्य में ठोस काम होना चाहिए, ताकि जुड़कर आदर्श जीवन जिया जा सकता दिल्ली अलकनंदा के संस्थापक एवं उनकी स्मृति जीवंत बनी रहे।